(गिरिजेश कुमार) वैसे तो विस चुनाव में जदयू, भाजपा और राजद अपने तरीके से प्रत्याशियों को उतारते हैं पर बात अगर कम पढ़े-लिखे लोगों को प्रत्याशी बनाने की हो तो तीनों पार्टियों की बराबर की हिस्सेदारी है। 2015 के चुनाव में जीते 22 विधायक ऐसे हैं जो सिर्फ 8वीं तक ही पढ़े-लिखे हैं। इनमें जदयू, भाजपा और राजद तीनों के 7-7 विधायक हैं जबकि एक विधायक निर्दलीय है। इस बार के चुनाव में जदयू और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि राजद अलग चुनाव लड़ रही है।
पिछली बार का चुनाव भाजपा अलग लड़ी थी। भाजपा-जदयू के बीच इस बार सीटों का बंटवारा अबतक नहीं हुआ है लेकिन सीटिंग एमएलए को पार्टियों ने टिकट दिया तो इस बार भी ये विधायक भाग्य आजमाएंगे। दैनिक भास्कर की ओर से चुनाव से पहले ‘चुनाव में हम किसे देंगे और क्यों?’ पर कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई थी कि 94.6 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि विधायक पढ़ा-लिखा होना चाहिए।


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